कुछ सपने थे उधार के वो भी आंखों के गढ्ढे में दब गए उड़ने से पहले ही हमारे पर कट गए । कुछ सपने थे उधार के वो भी आंखों के गढ्ढे में दब गए उड़ने से पहले ही हमारे ...
पहले जो खुली आँखों से देखते थे सपने अब आँखे मूंदने पर भी नहीं आते इस मुकाम पर आ पहुं पहले जो खुली आँखों से देखते थे सपने अब आँखे मूंदने पर भी नहीं आते इस मुका...
एक मजदूर के मेहनत का इतना दाम कि कर सके आवश्कता का इन्तजाम। एक मजदूर के मेहनत का इतना दाम कि कर सके आवश्कता का इन्तजाम।
कौन दुख दे सकता है तुझे, मुझे या उसे किसी और के नहीं ये सब खुद ही के सताए हैं कौन दुख दे सकता है तुझे, मुझे या उसे किसी और के नहीं ये सब खुद ही के सताए...
अगर प्यार इसे कहते हैं तो, “इमोशनल अत्याचार “की परिभाषा क्या है। अगर प्यार इसे कहते हैं तो, “इमोशनल अत्याचार “की परिभाषा क्या है।
तू जो न मिली मैं सहम गया, मैं ठहर गया, मैं बिखर गया। तू जो न मिली मैं सहम गया, मैं ठहर गया, मैं बिखर गया।